यादें ही तो जिंदगी का खजाना हैं, बाक़ी तो सभी को ख़ाली हाथ ही जाना है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
प्यार और सम्मान को खरीदा नही जा सकता, प्यार भरे विचार और अच्छा व्यवहार हम को संसार जीतने की शक्ति प्रदान करते हैं !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
दर्द न होता तो ख़ुशी की क़ीमत ही न होती, अगर मिल जाता सब कुछ केवल चाहने से तो दुनिया में “ऊपर वाले”की जरूरत ही न होती !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
जहाँ सत्य का निवास होता है वहाँ यश,धर्म और लक्ष्मी का निवास स्वतः ही हो जाता है , सत्य है तो सिध्दि, प्रसिध्दि और समृद्धि है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
“संस्कारों” से बड़ी कोई “वसीयत” नहीं होती,और “ईमानदारी” से बड़ी कोई “विरासत” नहीं है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
हम सभी लोग किसी ना किसी पर भरोसा करके जीते हैं , हमारी कोशिश होनी चाहिए कि जी लोग हम पर विश्वास करते हैं उनका भरोसा कभी नहीं टूटना चाहिए !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
हर वो चीज़ जो जिंदगी में आवश्यकता से अधिक होती है वह जहर है, फिर चाहे ताक़त हो, धन हो, भूख हो, लालच हो, अभिमान हो, आलस हो,प्रेम हो या घृणा हो !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
धैर्य रखिए – आज जिसे आप जवाब नहीं दे पा रहे हैं , उसका जवाब समय जरूर देगा !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
मनुष्य किसी भी दुःख को सहन कर सकता है, लेकिन गृह कलेश उसकी आत्मा को निचोड़ देता है!
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
जीवन में मोह ही जलता है, मोह ही चिंतित होता है, मोह ही संताप देता है,मोह ही भटकाता है, मोह ही गिराता है, जिसने मोह को साध्य लिया , उसने ईश्वर को पा लिया !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
इंसान किसी भी चीज़ की सच्ची क़ीमत केवल दो ही हालातों में में समझ पाता है , उसको पाने से पहले और उसको खोने के बाद !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
“सहयोग” वो अनमोल उपहार है जो देने और लेने दोनों में अच्छा लगता है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
रिश्तों में विश्वास मौजूद हैं, तो मौन भी समझ आ जायेगा, विश्वास नहीं हैं तो शब्दों से भी गलतफहमी हो जायेंगी!
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
व्यर्थ है यह सोचना कि संघर्ष कभी ख़त्म हो जाएँगे, ये जीवन जब तक रहेगा संघर्ष हर रोज़ रूप बदल कर आयेंगे !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
जिंदगी का सबसे कठिन काम है लोगों को पहचानना और सबसे आसान काम है किसी का भरोसा तोड़ना !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
दिखावे के लिये लोग बहुत ही दिल से मिलते है, लेकिन जो दिल से मिलते हैं वो बड़ी मुश्किल से मिलते हैं !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
कभी कभी एक बार का अप्रिय व्यवहार भी दिल को ठेस पहुँचा कर वर्षों के बने हुए संबंधों को समाप्त कर देता है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
दो तथ्य आपको परिभाषित करते हैं -एक आपका “धैर्य” जब आपके पास कुछ ना हो और दूसरा आपका “व्यवहार” जब आपके पास सब कुछ हो !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
मन के जिस दरवाजे से शक अंदर प्रवेश करता है प्यार और विश्वास उसी दरवाजे से बाहर निकल जाते हैं !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
अगर आप “नींद”और “निंद्रा” पर विजय पा लेते हैं तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
दूसरे से ईर्ष्या करने वाला,घृणा करने वाला, असंतुष्ट, क्रोधी, शंकाशील और पराश्रित -ऐसे व्यक्ति जीवन में सदा दुःखी ही रहते है, कभी सुख का अनुभव नहीं कर पाते !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
कभी कभी जब परिस्थितिया समझ में ना आए तो, जो कुछ जीवन में घटित हो रहा है , उसे शांत भाव से तटस्थ होकर बस देखना चाहिए, समय आने पर जीवन अपना मार्ग ख़ुद बना लेगा ! !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल *
पुण्य का अर्थ है, कुछ ऐसी कमाई जिसे मृत्यु भी ना छीन सके !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
स्वार्थ की भावना षड्यत्र को जन्म देती है और निस्वार्थ मन मानव जीवन को सही दिशा प्रदान करता है !!
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
छोटी सी होती है ये जिंदगी इसे हंसकर जियो क्योंकि लौटकर सिर्फ यादें आती हैं वक्त नहीं !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
अंधेरे को हटाने में नहीं बल्कि दिये जलाने में वक्त लगाइए , दूसरों को नीचा दिखाने में नहीं ख़ुद को ऊँचा उठाने में वक्त लगाइए !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
कुछ भी कर्म करने से पहले उसके परिणाम पर विचार कर लें नहीं तो अंत में पश्चाताप के अलावा कुछ नहीं बचेगा
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
नम्रता एक ऐसा आधारभूत तत्व है जिसके सहारे अध्यात्म का एक बहुमंज़िला महल खड़ा किया जा सकता है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
जीवन तो संगीत है इस गीत को गुन गुना ते रहि ये, चाहे जो भी परिस्थिति हो हमेशा मुस्कुराते रहिए
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
सोचने समझने की शक्ति सबके पास है चालाकी करनी है या ईमानदारी यह इंसान के संस्कारों पर निर्भर करता है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
इस संसार में अनेक कलाएँ है जो इन कलाओं में सबसे अच्छी कला है वो है दूसरों के हृदय को छू लेना !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
व्यक्ति का असली चरित्र तभी सामने आता है, जब आप उसके मतलब के नहीं रहते !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
जो आनंद शांत रहकर चुप रहने में है वो शिकायत करने में नहीं !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है, जिसका मन मस्त है उसके पास समस्त है!
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
सख़ुद को इतना सरल भी मत बना इए कि लोग आपका उपयोग करने लगें, जिन तारों में करंट नहीं हो ता लोग उन पर कपड़े सुखाने लगते है
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
किसी का सरल स्वभाव उसकी कमजोरी नहीं होती बल्कि उसके माता -पिता के दिये हुए संस्कार होते हैं !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
जिंदगी की “सफलता ” का राज “हाथों की लकीरों ” में नहीं , अपितु आत्मविश्वास, परिश्रम, समर्पण और आपके धैर्य में छुपा हुआ है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
नफ़रत का ख़ुद का कोई अस्तित्व नहीं होता , वह केवल प्रेम की अनुपस्थिति काही परिणाम होता है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
जो व्यक्ति साफ़, स्पष्ट एवं सीधी बात करता है उसकी वाणी तीव्र कठोर ज़रूर होती है लेकि न ऐसा व्यक्ति कभी किसी को धोका नहीं देता !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
जिस तरह सुगंध के बिना पुष्प व्यर्थ है, उसी तरह तृप्ति के बिना प्राप्ति , ध्येय के बिना कर्म एवं प्रसन्नता के बिना जीवन व्यर्थ है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
अकड़ तो सबमें होती है मगर झुकता वही है जिसे रिश्तों की फिक्र होती है !
*डॉ. सरोजिनी अग्रवाल*
किसी कीमीठी बातें ओर चालाकी को अपनी सूझ बूझ पर हावी न होने दें, धोखे की ख़ासियत यही है- ये यकीन के साथ मुफ़्त मिलता है